फैडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल एंड एसोसिएशन पंजाब स्कूल के शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पिछले समागम में फैडरेशन ने स्कूलों के प्रिंसीपलों को उत्साहित करने के लिए प्रयास किया था, जो कि यादगारी होकर संपन्न हुआ था। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के जन्मदिन को समर्पित फैडरेशन की ओर से प्राइवेट स्कूलों के टीचरों को उत्साहित करने के लिए उनके लिए एक अलग अवार्ड की घोषणा की। जिसमें हिंदुस्तान के 16 राज्यों से हजारों की गिनती में टीचरों ने अपनी-अपनी प्रतिभा व टीचिंग स्किल के अनुसार अपनी-अपनी वीडियो फैडरेशन को भेजी तथा अध्यापकों ने अपनी पढ़ाने की तकनीकों बारे जानकारी फैडरेशन को मुहैया करवाई। इसकी गुणवत्ता को देखते हुए फैडरेशन की ओर से बनाई गई उच्च स्तरीय टीम जिसमें विशेष तौर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूआ ने मुख्य योगदान डालते हुए बैस्ट टीचर के नामों को फाइनल किया। क्योंकि अध्यापकों की संख्या इतनी ज्यादा होने कारण उनको एक दिन में सम्मानित करना मुसाबित नहीं था। इसलिए इस प्रोग्राम को दो दिनों में बांटा गया। पहले दिन मुख्यतिथि के तहत पहुंचे ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वडि़ंग ने शिरकत की तथा वल्र्ड कैंसर केयर सोसायटी के ब्रांड अबैंसडर कुलवंत सिंह धालीवाल विशेष तौर पर लंदन से सीधा अवार्ड समागम में पहुंचे। इस मौके पर प्रमुख सूफी गायक सतिंदर सरताज तथा एक्टर सुनीता धीर भी अवार्ड समागम में टीचरों को उत्साहित करने के लिए पहुंचे। इस मौके पर सूफी गायक सतिंदर सरताज ने अपने विचार टीचरों के साथ सांझे करते कहा कि उनको आज भी याद है कि उनको कौन-कौन से टीचर ने पढ़ाकर इस काबिल बनाया है, उनका अहसान वह कभी उतार नहीं सकते। उन्होंने टीचर को प्रेरित करते कहा कि ठीक है कि आप अंग्रेजी भाषा को महत्ता देते हैं, लेकिन आपको पंजाब की मां बोली की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन कौमों की मां बोली मर जाती है वह कौमें खत्म हो जाती है। टीचरों की एक पुरजोर मांग पर गायक सतिंदर सरताज ने कुछ गीत सुनाए। इस मौके पर संबोधित करते मुख्यतिथि ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वडिग़ ने कहा कि वह अपने जीवन काल में पहली बार देख रहे हैं कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों को उत्साहित करने के लिए तथा उनकी गुणवत्ता को ऊंचा उठाने के लिए एक सार्थक प्रयास फैडरेशन कर रही है तथा इसके लिए इतना बड़ा प्रोग्राम कर रही है, जिसके लिए वह बधाई के हकदार है। उन्होंने चांसलर सतनाम सिंह संधू चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को भी इस प्रोग्राम में योगदान डालने के लिए धन्यवाद किया तथा उन्होंने कहा कि आप भी पंजाब में पंजाब यूनिवर्सिटी बनाकर पंजाब के नाम को चार चांद लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुराने समय में ट्रांसपोर्ट की छात्रों के लिए मुफ्त सुविधा हुआ करती थीं, जो कि अब नहीं है। उन्होंने कहा कि वह पूरा प्रयास करेंगे कि प्राइवेट संस्थानों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को भी फ्री बस सेवा मुहैया करवाएंगे तथा प्राइवेट स्कूलों की ट्रांसपोर्ट पर लगने वाले रोड टैक्स में जल्द ही कुछ राहत भी देंगे। फैडरेशन अध्यक्ष जगजीत सिंह धूरी ने मुख्यतिथियों का स्वागत करते हुए फैडरेशन की प्राप्तियों पर अवगत करवाया तथा कहा कि वह प्रयासरत है कि प्राइवेट स्कूलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए, लेकिन बदकिस्मती से गत राज्य सरकारों की ओर से प्राइवेट स्कूलों से सौतेली मां जैसा व्यवहार किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि अब फैडरेशन ने पंजाब भर के सारे प्राइवेट स्कूल फैडरेशन के एक बैनर नीचे एकत्रित कर लिए हैं तथा वह दिन दूर नहीं जब वह अपनी प्राइवेट स्कूलों की मांगों को पूरे जोर शोर से तथा पूरी ताकत से सरकार आगे रखेंगे। समागम में विशेष तौर पर पहुंचे कुलवंत सिंह धालीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि अध्यापक को सम्मानित करना समाज को सम्मानित करने के बराबर है। उन्होंने कहा कि वह अगर कैंसर की बात करें तो इसका वह ग्लोबल ब्रांड अबैंसडर हैं तो उसको रोकने के लिए अगर कोई बड़ा योगदान डाल सकता है तो वह टीचर है। क्योंकि अगर एक टीचर अपने 30 से 40 बच्चों को इस प्रति जागरूक कर देंगे तो वह 40 बच्चे 40 परिवारों से जुड़े होने कारण कैंसर प्रति जागरूक हो जाएंगे। उन्होंने अध्यापकों को प्रेरित करते कहा कि वह समय के अनुसार अपने आप में तबदीली लेकर आए तथा समय की जरूरत अनुसार काम करें। उन्होंने कहा कि आज के समाज में लोगों को अपनी दान की दिशा बदलने की जरूरत है। उन्हंने उदाहरण देते कहा कि इस पंडाल में अगर कोई बीमार हो जाए तो पहले उसको मंदिर, गुरुद्वारा लेकर जाएंगे या अस्पताल लेकर जाया जाएगा, आगे आप सभी समझदार है। इस तरह फैडरेशन के बाकी के कार्यकर्ताओं ने भी अपना बहुमूल्य योगदान डालते हुए फैप नैशनल टीचर अवार्ड को चार चांद लगाया। जिसमें सीनियर उपाध्यक्ष संजय गुप्ता, उपाध्यक्ष सुखजिंदर सिंह, पंजाब के लीगल कनवीनर संजीव कुमार सैनी, ज्वाइंट सचिव मनमोहन सिंह, सचिव भूपेन्द्र सिंह पटियाला, सीनियर एग्जेक्टिव मैंबर अनिल मित्तल के नाम शामिल हैं। अंत में इस समागम के पहले दिन की समाप्ति नूरां सिस्टर की ओर से अपने गीत-संगीत की पेशकारी से हुई तथा उन्होंने अपनी गायकी की कला से समूचे अध्यापक वर्ग को कील कर रख दिया। गौरतलब है कि इस समागम का लाइव प्रसारण चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर हो रहा था, जिसको अपने घरों में बैठा हुआ अध्यापक वर्ग समूचे देश में देख रहा था। इस दौरान यह समागम का पहला दिन अपनी अमिट यादें छोड़ता हुआ संपन्न हुआ।